सरकार के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करना इतना बुरा विचार नहीं है. जीडीपी के 3.3% का लक्ष्य पवित्र नहीं है, खासकर एक ऐसी अर्थव्यवस्था में जो धीमी हो गई है. मोदी सरकार को यह मानना चाहिए कि लक्ष्य अवास्तविक है, और इसके बजाय आर्थिक प्रोत्साहन और विकास को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित करें.