पीएम मोदी का कोरोना-प्रवासी मजदूर संकट का राजनीतिकरण करना दुर्भाग्यपूर्ण है, उन्ही की सरकार लॉकडाउन लगाने की दोषी है जिससे आजीविका को नुकसान पहंचा. पहली लहर की तरफ इशारा करते हुए यह दूसरी लहर के दौरान उनकी सरकार की नाकामियों से ध्यान भटकाने की कोशिश है, खासकर यूपी में. कोविड कुप्रबंधन को लेकर राजनीतिक घबराहट दुखद है.