शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन या एक्टिविज्म हमारे संवैधानिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार हैं. यदि हिंसा की कोई बात न की गई हो तो ये अपराध नहीं हैं. ऐसे मामलों में मोदी सरकार की सख्ती उचित नहीं है. दिशा रवि की आतंकवादी की तरह गिरफ्तारी से निराशा, अन्याय और नासमझी दिखती है. ऐसे मामलों में मजिस्ट्रेट के स्तर पर भी कड़े सवाल उठाए जाने चाहिए.
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