गेहूं के निर्यात पर बैन लगाने वाला मोदी सरकार का फैसला उपभोक्ताओं के एक वर्ग को छोड़कर सभी को गलत संकेत देता है. यह उजागर करता है कि किसानों की समृद्धि सरकार के लिए महज जुमलेबाज़ी है. खाद्य मुद्रास्फीति एक समस्या है लेकिन इसपर रोक समाधान नहीं है. इसमें रचनात्मक सोच की कमी है.