केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी का दावा है कि विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई को जाने वाले 90% भारतीय NEET में फेल हो जाते हैं, ऐसा कहना बेस्वाद और गलत है. कई देशों में अध्ययन करने के लिए NEET एक पूर्व-आवश्यकता है, हालांकि कट-ऑफ भारत की तुलना में कम होता है. छात्र विदेश जाते हैं क्योंकि भारत ऐतिहासिक रूप से मेडिकल शिक्षा की मांग को पूरा करने में विफल रहा है.