मणिपुर में हिंसा अब कम हो गई है, लेकिन यह अभी भी जातीय-धार्मिक दोष रेखाओं वाला एक बक्सा है. पूर्वोत्तर में केंद्र के शांति के दावों पर गहरा असर पड़ा है. मणिपुर की सीमाओं से परे भी इसके गंभीर प्रभाव हैं. केंद्र को उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र पर निरंतर ध्यान देने की ज़रूरत है. यह उसके दिलों-दिमाग से ओझल नहीं होना चाहिए.