जिस बिजली की गति से लोकसभा की आचार समिति ने प्रयास किया, उसने महुआ मोइत्रा को दोषी करार दिया और उन्हें बाहर किया, उसमें राजनीति की बूं आती है. यह तथाकथित तेजी समिति के बाकी मामलों में गायब नजर आती है. बीजिंग से सीखने के लिए काफी कुछ है, लेकिन यह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी-शैली में तुरंत न्याय देने में से एक नहीं होना चाहिए.