माकपा का सीएम विजयन को बरकरार रखने और केके शैलजा समेत पिछले मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को छोड़ने का फैसला निराशाजनक है. यह जनादेश केवल विजयन के लिए नहीं, बल्कि उनके मंत्रिमंडल के लिए था. नए नेताओं को बढ़ावा देना अच्छी बात है, लेकिन यह विजयन जैसे व्यक्तित्व की परंपरा को स्थापित करने और प्रतियोगियों को गिराने के लिए प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए.