संविधान पर मूर्खतापूर्ण टिप्पणी के लिए केरल के मंत्री के इस्तीफे ने सार्वजनिक जीवन के लोगों के लिए बेंचमार्क स्थापित किया है. हमारा राजनीतिक विमर्श सभ्य हो सकता है यदि अधिक से अधिक पार्टियां अपने तेजी से बढ़ते बड़बोलेपन पर ब्रेक लगा दें. सीएम पिनराई विजयन की सरकार कोई अपवाद नहीं है.
होम50 शब्दों में मतकेरल के मंत्री का संविधान की टिप्पणी पर इस्तीफा देना साहसिक कदम है, इसे पूरे भारत में लागू करना चाहिए
