केरल में कांग्रेस का शशि थरूर के कार्यक्रमों में अड़ंगा टांग खिंचाई की मानसिकता को दिखाता है. पार्टी आलाकमान की चुप्पी में मिलीभगत की बू आ रही. अहम सांगठनिक सुधारों के लिए थरूर का सक्रिय ग्रुप में शामिल होना और फिर अध्यक्ष पद चुनाव लड़ने का एक लोकतांत्रिक पार्टी में स्वागत हो, न कि बदला लिया जाए. अध्यक्ष खड़गे को बड़प्पन दिखाएं.