पहले केंद्र सरकार फर्ज़ी खबरों के मध्यस्थ की भूमिका निभा रही थी. अब कर्नाटक खुद की फैक्ट चेकिंग यूनिट स्थापित करेगा. जिस बुरे विचार का समय आया हो उसे कोई रोक नहीं सकता. इसे बिगाड़ने की तरकीब निकाली जाएगी. सरकार की अनियंत्रित शक्तियां हमें सेंसरशिप की ओर धकेल रही हैं.