कांग्रेस-जेडीएस सरकार के गिरने से कर्नाटक के लोगों को राहत मिली है. इस अवसरवादी गठबंधन का एकमात्र उद्देश्य सत्ता में बने रहना था, जिसकी वजह से शासन को 14 महीने की दिक्कत का सामना करना पड़ा. भाजपा को राजनीतिक स्वार्थ में सरकार बनाने से पहले दो बार सोचना चाहिए. कर्नाटक में नया सिरे से चुनाव होना चाहिए.