यह ध्यान देने की बात है कि सरकार दिल्ली में हिंसा के बावजूद किसानों के साथ बातचीत के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं. लेकिन इसे जल्द ही सुलझाने की पहल की जानी चाहिए और किसानों को भी अपनी जिद्द छोड़ कर, टकराव की स्थिति को कम करने की जरूरत है. राष्ट्रीय राजधानी में मचे कोहराम ने ये साबित कर दिया है लंबे समय से जारी गतिरोध के ऐसे ही नतीजे होते हैं.