जो बायडन, बेंजामिन नेतन्याहू और जोको विडोडो तक, दुनियाभर के नेता आगे बढ़ कर कोविड का टीका लगवा रहे हैं, पर भारतीय नेता इस मुहीम में शामिल नहीं. यहां तक की सेलिब्रिटीज़ भी वैक्सीन लगाते नजर नहीं आ रहे. दोनों को आगे बढ़ कर टीका लगवाना चाहिए ताकि इससे जनता का विश्वास बढ़े, खासकर तब जब इसके विरोधी वैक्सीन को लेकर शक फैला रहें और दुष्प्रचार कर रहे हैं.
एनपीए समस्या ठीक करने के लिए खराब बैंक की स्थापना एक खराब विचार है. यह एक अस्थायी समाधान है और महज खराब अर्थशास्त्र
बढ़ते एनपीए को देखने के लिए एक खराब बैंक स्थापित करने का विचार मुद्रा प्राप्त करना है और गलत तरीके से. यह एक अस्थायी सुधार है और पीएसयू बैंकों की समस्याओं को जड़ से दूर नहीं कर सकता है. कुशलता से काम करने के लिए दिवालिया प्रक्रिया की अनुमति देना, विदेशी स्वामित्व वाले लोगों समेत नए बैंकों को अनुमति देना बेहतर विकल्प हैं. खराब बैंक खराब अर्थशास्त्र है.
उद्धव को भाषाई राजनीति को भूल जाना चाहिए, समय खत्म हो चुका है. इसके बजाय शासन पर ध्यान केंद्रित करें
कर्नाटक के मराठी भाषी लोगों को महाराष्ट्र में शामिल करने का उद्धव ठाकरे का बयान अनावश्यक और गैर-जिम्मेदाराना था. भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन एक सुलझा हुआ मामला है. राजनेताओं को इसे भड़काकर लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए. भाषाई पहचान की राजनीति आज भारत में एक शून्य गेम है. महाराष्ट्र सीएम को गवर्नेंस पर ध्यान देना चाहिए.