पिछले तीन सालों में पहली बार चीन-भारत सीमा पर कार्यकारी समूह की बैठक बुधवार को हुई. दोनों के बीच खराब संबंधों को स्थिर करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. भले ही देपसांग जैसे लंबे समय से विवादित क्षेत्रों पर विवाद नहीं थमा है, लेकिन संघर्ष से भी कोई हल नहीं निकलेगा.