सीएए के बावजूद असम में भाजपा ने बढ़त बना रखी है. ये दो चीज़ें बताती है. इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काफी जोर देने से इसने मतदाताओं के बीच पैठ बनाई है. और दूसरा ये कि धर्म ने अब नस्लीय पहचान वाली राजनीति की जगह ले ली है. ये भी स्पष्ट होता दिख रहा है कि भाजपा ने जो गठबंधन बनाया वो सही साबित हुआ.