शिक्षा पर संसदीय पैनल का स्कूलों को खोले जाने को लेकर जोर देना सही है. लेकिन सिर्फ 50% शिक्षकों के वैक्सीनेशन के साथ यह संभव नहीं है. सरकार को उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर मानना चाहिए. बच्चे महामारी के मूक शिकार है. उन्हें स्कूल और वास्तविक शिक्षा पर लौटने की जरूरत है.