सरकार गरीबी और भूख पर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के निष्कर्षों को बहुत अच्छी तरह खारिज कर सकती है, लेकिन इसके नकारने में विश्वसनीयता की कमी है. ऐसे अध्ययनों का मजबूती से मुकाबला करने का एकमात्र तरीका आधिकारिक डेटा जारी करे. आधिकारिक डेटा जारी करने में अंतहीन देरी का मतलब है कि रिसर्चर अन्य स्रोतों के इस्तेमाल के लिए मजबूर हैं.
जयललिता की मौत की जांच पर सवाल चिंताजनक, विशेषज्ञों के पैनल की जरूरत
अरुमुगासामी आयोग द्वारा जयललिता की मौत की जांच पर सवाल उठाना चिंताजनक. शीर्ष राजनेताओं की मेडिकल हालात के बारे में पारदर्शिता आमतौर पर कम पाई जाती है. जयललिता का मामला भी राजनीतिक साजिश और सत्ता की लड़ाई के रूप में सामने आया. विशेषज्ञों के एक पैनल को इसकी जांच करे. तमिलनाडु के लोगों को सच पता चलना चाहिए.