दिप्रिंट की जांच से पता चलता है कि गोवा के मंत्रियों, विधायकों की पर्यटन में व्यावसायिक रूचि और राज्य की कोविड की दूसरी लहर की प्रतिक्रिया में देरी असंगत हितों से जुड़ी हुई है. जीवन और आजीविका की रक्षा करना एक कठिन कार्य है, अगर कानून निर्माता व्यक्तिगत व्यावसायिक हितों को व्यापक सार्वजनिक भलाई से ऊपर रखते हैं तो यह स्वीकार्य नहीं है.