गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस से पांच दशक पुराने रिश्ते को तोड़ना चौंकाने वाला नहीं था. पार्टी के बिखराव में राहुल गांधी और उनके आसपास के लोग, अब एक पुरानी कहानी हो चुके हैं. कांग्रेस का संगठनात्मक चुनाव उनकी पकड़ बनाने के लिए है और विडंबना है कि कांग्रेस गांधी द्वारा ही गांधी को बचाना चाहती है.