भारत में इस वित्तीय वर्ष में जीडीपी 7.7% रहने के अनुमान में भले ही कुछ आश्चर्यजनक न हो लेकिन निराश करने वाली खबर जरूर है. बहरहाल, कोविड के मामलों में आ रही कमी, टीके आ जाने और अर्थव्यवस्था के तेजी से रफ्तार पकड़ने से इस आउटलुक में उम्मीदें भी बरकरार हैं. वृद्धि दर में अगले साल जोरदार उछाल सुनिश्चित करने के लिए आम बजट में एक नई राजकोषीय खुराक दी जानी चाहिए.
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