मुफ़्त भोजन को अगले 5 वर्षों के लिए बढ़ाना इस बात की ओर इशारा करता हैं कि गरीबों को आने वाले वर्षों में भी पर्याप्त सहायता की आवश्यकता रहेगी. यह कदम कृषि कानूनों के स्वरूप को हमारे सामने उजागर करता है. यदि सरकारी अनाज की खरीद इतनी अधिक होने वाली है, तो यह निजी क्षेत्र के प्रवेश को खारिज कर सकता है.