लैंसेट पत्रिका में एचसीक्यू की एक महत्वपूर्ण स्टडी को वापस लेना यह दर्शाता हैं कि महामारी के दौरान चिकित्सा विज्ञान में पक्षपात राजनीति करने दी गयी. डब्लूएचओ द्वारा ट्रायल को रोकना यह दिखाता है वह भी अंधेरे में है. पत्रिका के संपादकीय बोर्ड को पद छोड़ देना चाहिए और अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों की अमेरिकी अधिकारियों द्वारा जांच की जानी चाहिए.
दिल्ली सरकार कोविड मामले में तेजी से निपटने के लिए संघर्ष कर रही, केजरीवाल को केंद्र से मदद मांगने में शर्माना नहीं चाहिए
दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में कोविड संकट के गुब्बार से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है. परीक्षण और अस्पताल में भर्ती होने से लेकर श्मशान तक अराजकता और भ्रम की स्थिति है. यह सीएम केजरीवाल की बहुप्रचारित स्वास्थ्य प्रोजेक्ट को चुनौती देने वाला है. जो भी राजनीतिक मतभेद हों, उन्होंने केंद्र की मदद लेने से शर्माना नहीं चाहिए. हजारों जिंदगियां दांव पर हैं.