प्रोफेसर प्रताप भानु मेहता के ठीक बाद अरविंद सुब्रमण्यम का अशोका विश्वविद्यालय से जाना संस्थान की बढ़ती प्रतिष्ठा के लिए झटका है. निजी, उदारवादी परोपकारी द्वारा उच्च शिक्षा के लिए बनाए गए इस संस्थान के लिए ये निराशाजनक है. ये अन्य दूसरे संस्थानों के लिए सीख है और ये अच्छा नहीं है.