निगम चुनावों में डीएमकी की बड़ी जीत, तमिलनाडु में सीएम स्टालिन के सामाजिक-आर्थिक विकास के एजेंडे पर मुहर है. पश्चिमी जिलों जैसे एआईएडीएमके के गढ़ में सेंध लगने से यही पता चलता है कि विपक्षी ढह रहा है. जयललिता जैसी करिश्माई नेता के बिना एआईएडीमके जूझ रही है. पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम का नेतृत्व अक्षम साबित हो रहा है.