कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने गुरुवार को विश्वास मत आयोजित कराने से इंकार कर दिया, जो एचडी कुमारस्वामी की सरकार को बचाने के आखिरी प्रयास था. यह बेहद खेदजनक है. विधानसभा में बनावटी बहुमत दिखाने के प्रयास को ख़ारिज कर इसकी निंदा की जानी चाहिए. खंडित विधानसभा को भंग किया जाना चाहिए और नए सिरे से चुनाव कराया जाना चाहिए.