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Saturday, 23 November, 2024
होम50 शब्दों में मतफिल्मों में सेना के चित्रण को विनियमित करने का कदम हास्यास्पद है, रक्षा मंत्रालय को अन्य मामलों पर ध्यान देना चाहिए

फिल्मों में सेना के चित्रण को विनियमित करने का कदम हास्यास्पद है, रक्षा मंत्रालय को अन्य मामलों पर ध्यान देना चाहिए

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नज़रिया.

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फिल्मों और टीवी/ऑनलाइन में सेना के चित्रण को विनियमित करने का रक्षा मंत्रालय का कदम हास्यास्पद है. कथा और मनोरंजन में रचनात्मक स्वतंत्रता जरूरी है और इसे बहुत गंभीरता से नहीं लिया जा सकता. अगर सभी सरकारी निकाय कला को विनियमित करना शुरू करते हैं तो देखने के लिए कुछ भी नहीं बचेगा. रक्षा मंत्रालय को अन्य मामलों पर ध्यान देना चाहिए.

चुनी हुई सरकार को बार-बार नज़रअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, दिल्ली फिर से एलजी-सीएम के बीच घमासान नहीं चाहती

दिल्ली में फिर से एक बार एलजी और मुख्यमंत्री के बीच तनातनी चल रही है. पिछले हफ्ते एलजी ने दिल्ली दंगे मामले में वकील नियुक्त करने और होटल और जिम खोले जाने के फैसले को पलट दिया था. राजधानी फिर से एलजी-सीएम के बीच घमासान नहीं चाहती. एक चुनी हुई सरकार को इस तरह बार-बार नज़रअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर बिहार के नेताओं द्वारा राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास निराशाजनक है

सुशांत सिंह राजपूत की दुखद मौत से राजनीतिक फायदा हासिल करने का बिहार के राजनेताओं का प्रयास बहुत ही निराशाजनक है. सीएम नीतीश कुमार कैरिकेचर बनते जा रहे हैं. यदि प्रत्येक राज्य अपने पुलिस को दूसरे राज्यों में उसके ‘डोमिसाइल’ के खिलाफ कथित अपराधों की जांच के लिए भेजना शुरू कर देता है, तो यह संवैधानिक नुकसान पहुंचाएगी.

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