बहुत लंबे समय तक, भारत जलवायु परिवर्तन वार्ताओं के लिए एक ही प्रतिक्रिया पर निर्भर रहा कि पहले अमीर देश उत्सर्जन में कटौती करें लेकिन कोविड ने नए अंतर्राष्ट्रीयवाद के युग की शुरुआत की है और अगर इरादे में एकता हो तो कम समय में क्या कुछ हासिल किया जा सकता है. COP26 को इस मूड का लाभ उठाना चाहिए कि हम-सब-में सब एक साथ हैं.