मद्रास एचसी जज के रूप में एल विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थापित प्रस्ताव का पालन किया है कि नियुक्त व्यक्ति के राजनीतिक विचार की वजह से उसकी जजशिप को नकारा नहीं जा सकता. अगर कॉलेजियम सिस्टम में बेहतर पारदर्शिता होती तो इस विवाद से बचा जा सकता था.