शिवसेना, सपा और राजद का ममता बनर्जी को समर्थन देना कांग्रेस को उसके वर्तमान और पूर्व सहयोगियों द्वारा बड़ा झटका है. विपक्षी खेमे में पार्टी अलग-थलग है. लेफ्ट के साथ उसका जाना भाजपा को फायदा पहुंचाएगा. आजमाए हुए और त्याग कर दिए गए वामपंथियों के साथ कांग्रेस नेतृत्व का आकर्षण विचारों और रणनीति का दिवालियापन दर्शाता है.