मुख्य न्यायाधीश का हालिया बयान कि आरटीआई की अर्ज़ियों को ठीक से चुनना चाहिए, सूचना के अधिकार कानून को एक और धक्का है. ये आश्चर्यजनक भी है क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय का काम लोगों के सूचना के अधिकार को बचाना है. हाल में सर्वोच्च न्यायालय पारदर्शिता से दुराग्रह दिखा रही है. अब आरटीआई पर ऐसा रुख दिखा कर उसने खतरे की घंटी बजा दी है.