शराब पीने की उम्र 25 से 21 साल करना और शराब की सरकारी दुकानों का चलाना बंद करने का दिल्ली सरकार का फैसला व्यावहारिक है. जब लोग कम उम्र में वोट और शादी कर सकते हैं तो 25 साल की सीमा का कोई मतलब नहीं है. और शराब बेचना सरकार का काम नहीं है. इस पूरे व्यापार के निजीकरण से ज्यादा राजस्व जमा होगा.