सरकार यह मान कर असली मुद्दे से मुंह मोड़ रही है कि कश्मीर की सुरक्षा स्थिति में अभी सुधार हुआ है क्योंकि इस साल आतंकियों की भर्ती और पथराव में कमी आयी है. जम्मू -कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है, विधानसभा चुनाव या केंद्र सरकार से टूटे हुए संबंधो को ठीक करने का कोई संकेत भी नहीं है. इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के ‘चौकीदार चोर है’ अभियान पर चुनाव आयोग का प्रतिबंध असमान जांच का संकेत है. खासकर क्योंकि पीएम मोदी और अमित शाह की टिप्पणी की निंदा नहीं की है. चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया उचित और तर्कपूर्ण प्रतीत होती है और यह चुनाव में राजनीति के स्तर को गिरने नहीं देगी.
मुकेश अंबानी और उदय कोटक ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मिलिंद देवड़ा को समर्थन देकर एक नई शुरुआत की है. यह केवल इसलिए बढ़िया नहीं है कि वे किसका समर्थन कर रहे हैं बल्कि उन लोगों ने अपनी राजनीतिक पसंद को सार्वजनिक करने का कदम उठाया है. यह व्यापारियों और उम्मीदवारों को पारदर्शी चुनावी प्रक्रियाओं की ओर प्रेरित करेगा.