भाजपा ने अपने लद्दाख इकाई के उपाध्यक्ष, एक मुस्लिम को, उसके बेटे के एक बौद्ध के साथ भागने और शादी करने के कारण निष्कासित कर दिया, यह अदूरदर्शी और पुरानी मानसिकता है. बेटे के अंतर-धार्मिक विवाह के लिए एक पिता को दंडित करने वाली भारत की सत्तारूढ़ पार्टी को फिक्र करनी चाहिए कि लोगों में क्या संदेश जाएगा. यह पीएम मोदी के सबका साथ, सबका विकास नारे का मजाक है.