चीन, रूस, ईरान, पाकिस्तान के अलावा, यहां तक कि अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ से लेकर जी-7 तक- अनिच्छा से ही सही- तालिबान शासन की अनिवार्यता को स्वीकार कर रहे हैं. इसलिए बेहतर है कि पीएम मोदी ने व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत की है. भारत को भी एक ठोस रणनीतिक बदलाव करना होगा. इसकी शुरुआत करने के लिए मास्को अच्छी जगह है.