युवा आदित्य ठाकरे की अपने पिता और दादा की तरह सरकार के पीछे की ताकत बनने का अनुसरण नहीं कर रहे हैं. परिवार के पहले ठाकरे के रूप में चुनाव लड़ने का इतिहास बनाने के लिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए. इससे युवा, उदार, लोकतांत्रिक और समकालीन पार्टी बनने के साथ शिवसेना की राजनीतिक शैली भी बदलनी चाहिए.