कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान 4,057 नोटिफिकेशंस भारत की अधिकतम सरकार को बड़े ही शर्मनाक तरीके से दिखा रही हैं. कोरोनावायरस संकट का प्रबंधन उस सब कुछ को याद दिलाने वाला है जो भारत के पिछड़ेपन और शासन की कमजोरी को दिखाता है. 4,057 राज्य और केंद्र सरकार के नोटिफिकेशंस वह भी 4 महीने में- मोटरसाइकिल सवार से लेकर अवारा कुत्तों को खाना खिलाने तक, ये सब दिखाता है कि भारत में अधिकतम शासन अब भी जिंदा है और यह लोगों को मार रहा है. और इसके बावजूद भी यह अप्रभावी है.
प्रवासी मजदूरों के रेलवे किराए मामले ने मोदी सरकार को एक्सपोज कर दिया है
मोदी सरकार ने गरीब प्रवासियों के रेल का किराया वहन करने से इंकार करते हुए वर्ग पूर्वाग्रह के आरोपों से खुद को घेर लिया है लेकिन विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लेने के लिए उसने कोई शुल्क नहीं लिया. यह रेखांकित करता है कि प्रवासियों के संकट पर यह कैसे स्पष्टहीन है. एक बार के लिए, इस कथानक में वे कांग्रेस से हार गए हैं.