लखनऊ: चुनाव के शोर में किसी राष्ट्रीय दल के फायरब्रांड नेता को 72 घंटे तक खामोश रहने को कह दिया जाए तो उस पर क्या बीतेगी ये राजनीति समझने वाले बाखूबी समझ सकते हैं. यूपी के सीएम और बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. चुनाव आयोग ने विद्वेष फैलाने वाले भाषणों के चलते उन पर 72 घंटे का बैन लगा दिया. इस दौरान न वह चुनाव प्रचार कर सकते थे, न मीडिया से बातचीत और न ही सोशल मीडिया पर पोस्ट. योगी के अलावा मायावती, आज़म खान और मेनका गांधी पर भी अलग-अलग तरह के बैन लगे लेकिन बैन के दौरान भी योगी ही सबसे ज़्यादा चर्चा में रहे. जानें कैसे ‘शांत योगी’ के 72 घंटे बीते और इस दौरान भी वह क्यों चर्चा में बने रहे.
पहला दिन -16 अप्रैल
आयोग द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने नया तरीका निकाला और वह 16 अप्रैल की सुबह ही मंदिर हनुमान चालीसा पढ़ने पहुंच गए. वह सुबह करीब 9 बजे लखनऊ के हनुमान सेतु मंदिर पहुंचे और करीब 15 मिनट तक मंदिर में रुके. इस दौरान उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया और लगातार कैमरे की नज़र में बने रहे.
पहले यहां पर राजनाथ सिंह को भी आना था, लेकिन वह नहीं आ पाए. इसी मंदिर में योगी आदित्यनाथ ने हनुमान चालीसा का पाठ किया. चुनाव आयोग की ओर से योगी के भाषण देने पर प्रतिबंध लगाया गया है और उनके इस प्रतिबंध में मंदिर में जाना शामिल नहीं है. ऐसे में वह मंदिर जा सकते हैं. हालांकि उन्होंने यहां किसी से बात नहीं की लेकिन बजरंगबली के मंदिर जाकर अपने संकेत दे दिए. दरअसल अली और बजरंगबली को लेकर दिए गए उनके बयान पर ही विवाद शुरू हुआ था.
रामकाज कीने बिना मोहि कहाँ विश्राम। तीन तलाक़ पीड़ित नाजिया की पीड़ा सुनते योगी आदित्यनाथ @myogiadityanath @News18UP #BJP4India pic.twitter.com/KKwmUkfMu4
— Mrityunjay Kumar (@MrityunjayUP) April 17, 2019
इसके अलावा बैन के पहले दिन उन्होंने बीजेपी के कई नेता व कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की. देर शाम को मीडिया को योगी के अगले दिन के अयोध्या दौरे का शेड्यूल भेजा गया.
दूसरा दिन – 17 अप्रैल
चुनाव आयोग के बैन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दूसरे दिन योगी ने गोरखपुर प्रत्याशी रवि किशन से मुलाकात की.
गोरखपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी श्री #रवि_किशन जी लखनऊ में माननीय मुख्यमंत्री श्री #योगी_आदित्यनाथ जी से आशीर्वाद लेते हुए । pic.twitter.com/j1tV9ORFJW
— Chowkidar Ravi Prakash Bajpai (@RAVIPRAKASHBAJ3) April 18, 2019
इसके बाद वह अयोध्या पहुंचे. अयोध्या में वह सुतहटी के उस दलित परिवार के घर पहुंचे जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर प्राप्त हुआ है. मुख्यमंत्री लाभार्थी महावीर के घर में लोगों से मिले और भोजन भी किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनसे पूछा कि पीएम आवास मिलने में किसी तरह का पैसा तो नहीं देना पड़ा. इसके अलावा उनसे अन्य सरकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी ली.
समरसता : अयोध्या के एक परिवार ने कहा-मेरे घर शबरी के घर राम की तरह आए सीएम योगी @myogiadityanath #BJP4India @AmitShah #YogiAdityanath @Mayawati @ANI @Republic_Bharat pic.twitter.com/gi5U6ZNNyT
— Mrityunjay Kumar (@MrityunjayUP) April 17, 2019
इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ मणिराम दास छावनी पहुंचे. वहां उन्होंने राम जन्म भूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से मुलाकात की. उन्होंने प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में बजरंगबली का दर्शन किया.रामलला के प्रमुख महंत समेत अन्य प्रमुख संतों से भी मुलाकात की. रामलला के दर्शन के बाद वह शाम को शक्तिपीठों में से एक देवीपाटन के लिए रवाना हो गये.
अध्यात्म : जय हनुमान ज्ञान गुण सागर। हनुमानगढ़ी में @myogiadityanath साधु संतों के साथ। #BJP4India @AmitShah @ANI @News18UP pic.twitter.com/T0IeiPc91B
— Mrityunjay Kumar (@MrityunjayUP) April 17, 2019
मायावती ने साधा निशाना
इस दौरान खुद 48 घंटे का बैन झेल रहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके योगी पर निशाना साधा.
चुनाव आयोग की पाबंदी का खुला उल्लंघन करके यूपी के सीएम योगी शहर- शहर व मन्दिरों में जाकर एवं दलित के घर बाहर का खाना खाने आदि का ड्रामा करके तथा उसको मीडिया में प्रचारित/प्रसारित करवाके चुनावी लाभ लेने का गलत प्रयास लगातार कर रहे हैं किन्तु आयोग उनके प्रति मेहरबान है, क्यों?
— Mayawati (@Mayawati) April 18, 2019
तीसरा दिन- 18 अप्रैल
बैन के तीसरे दिन वह वाराणसी पहुंचे. बीएचयू हेलीपैड पर उतरने के बाद मुख्यमंत्री का काफिला सीधे संकटमोचन मंदिर पहुंचा. जहां मुख्यमंत्री ने संकट मोचन का दर्शन करने के बाद महंत विशंभर नाथ मिश्र से बातचीत की. संकट मोचन मंदिर में दर्शन पूजन के बाद मुख्यमंत्री गढ़वाघाट आश्रम पहुंचे. आश्रम में संतों ने मुख्यमंत्री का अंग वस्त्र और रुद्राक्ष की माला से स्वागत किया. मुख्यमंत्री ने आश्रम में संतों की समाधि का दर्शन करने के आश्रम के गायों को चारा खिलाया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने गढ़वाघाट के महंत स्वामी शरणानन्द से मुलाकात की. इस तरह से योगी के बैन वाले 72 घंटे पूरे हुए.
बैन खत्म होने के तुरंत बाद योगी सबसे पहले लखनऊ में अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर पहुंचे और बजरंगबली के दर्शन किए. बैन खत्म होते ही योगी ने ट्वीट कर सबसे पहले हनुमान जयंति की शुभकामनाएं दीं. साथ ही उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर अपनी आस्था की बात कही.
‘राष्ट्र की संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान और लोकतांत्रिक मूल्यों का मान भाजपा की विचारधारा का अभिन्न अंग है, विगत 72 घण्टों में मैंने चुनाव आयोग के आदेश का सम्मान किया और उसे समुचित आदर दिया.’
‘मेरे आराध्य रामलला, बजरंग बली और महादेव जी के दर्शन को किसी भी प्रकार की राजनीति से जोड़कर नही देखा जाना चाहिए. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि आस्था का अधिकार संविधान प्रदत्त है और मुझे इस अधिकार का प्रयोग करने से कोई रोक नहीं सकता.’
मेरे रग रग में राम,कण कण में कृष्ण, प्रत्येक शिरा में शिव और प्रत्येक धमनी में धर्म व कर्तव्य बोध निरंतर प्रवाहित होता रहता है
आज मैं फिर कहना चाहूंगा कि मेरी धार्मिक पहचान हिन्दू है,वह हिन्दू जो भारत मे रहने वाले सभी पंथों और धर्मों का सम्मान समान भाव से आदिकाल से करता आ रहा है।— Chowkidar Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 19, 2019
इसके बाद 19 अप्रैल की जनसभाओं को संबोधित करेंगे.
सीएम ऑफिस से जुड़े सूत्रों की मानें तो बैन के दौरान सीएम योगी ने चुनाव पर पूरी नज़र रखी और आगे की रणनीति तैयार की है. वहीं बैन के दौरान लगातार मंदिर जाना भी उनकी रणनीति का हिस्सा था. उन्हें अंदाज़ा था कि वह न भी बोलें तो भी मीडिया उनके विज़ुअल्स व तस्वीरें दिखाएगा. इस बीच 18 अप्रैल को दूसरे चरण के चुनाव भी थे जिस पर बिना कुछ बोले ही अपनी मौजूदगी की छाप छोड़नी थी.
योगी ने इन 72 घंटों में न सिर्फ अगले एक हफ्ते की रणनीति तैयार कर ली बल्कि एक के बाद एक मंदिर जाकर इशारों में संदेश भी दे दिया की वह अपने हिंदुत्व के एजेंडे को धारदार तरीके से यूं ही आगे बढाएंगे. बता दें कि जब सीएम योगी पर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध लगाया था तो उन्होंने चुनाव आयोग को भेजे अपने खत में बजरंगबली को लेकर दिए गए बयान पर सफाई दी थी. जिसमें योगी ने आयोग को कहा था कि बजरंगबली में मेरी अटूट आस्था है और ‘अगर इससे किसी को डर लगता है तो मैं अपनी आस्था नहीं छोड़ सकता.’