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Saturday, 21 December, 2024
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मायावती के ‘भतीजे’ आकाश को मुलायम का आशीर्वाद दिलाने के क्या हैं सियासी मायने

मैनपुरी में बीते शुक्रवार को मायावती और मुलायम सिंह यादव का एक फ्रेम में होने की दिनभर चर्चा के बीच एक और तस्वीर आई जिसने सबका ध्यान खींचा.

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लखनऊ/मैनपुरी: मैनपुरी में बीते शुक्रवार को बसपा सुप्रीमो मायावती और पूर्व सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव का एक फ्रेम में दिनभर चर्चा का विषय बना. इसी बीच एक और तस्वीर आई जिसने सबका ध्यान आकर्षित किया. ये तस्वीर थी मुलायम सिंह यादव की मायावती के भतीजे आकाश को आशीर्वाद देते हुए. रैली खत्म होते ही अखिलेश और मायावती ने आकाश को मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद दिलाया. इस तस्वीर के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

उत्तराधिकारी होंगे आकाश?

यूपी की सियासत में आकाश को लेकर चर्चा गरम है. बसपा से जुड़े सूत्र उनको मायावती का राजनीतिक उत्तराधिकारी बताने लगे हैं. हाल ही में आगरा में आयोजित समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी-आरएलडी गठबंधन की संयुक्‍त रैली में बीएसपी सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद को उनकी बुआ की कुर्सी दी गई. चुनाव आयोग के 48 घंटे के प्रतिबंध के कारण मायावती इस जनसभा में हिस्‍सा नहीं ले सकी थीं. आकाश आनंद को मायावती की कुर्सी देने से राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि क्‍या यह मायावती का अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी चुनने का तरीका है? इस रैली में सतीश मिश्रा भी मौजूद थे लेकिन मायावती की कुर्सी पर आकाश को बैठाया गया.

बसपा को पिछले कई साल से कवर करने वाले कई पत्रकार कहते हैं कि स्ट्रैटेजी मेकिंग से लेकर मायावती की स्पीच के कंटेंट की तैयारी तक में भतीजे आकाश का रोल लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में लोग उन्हें मायावती के उत्तराधिकारी के तौर पर देख रहे हैं.

अखिलेश-आकाश मिलकर देंगे कांग्रेस-बीजेपी को जवाब

सपा-बसपा की साझा रैलियों में जिस तरह से अखिलेश और आकाश की कैमिस्ट्री दिख रही है उससे ये भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि दोनों बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर एक साथ बीजेपी-कांग्रेस का मुकाबला करेंगे. हालांकि आकाश अभी राजनीति में नए हैं लेकिन उन्हें अखिलेश का साथ भा रहा है. दोनों ही नेता विदेश से पढ़कर आए हैं. अखिलेश को मुलायम की राजनीतिक विरासत मिल चुकी है तो आकाश को भी माया के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा है. यूपी में फिलहाल बीजेपी सत्ता में है, वहीं प्रियंका की एंट्री के बाद कांग्रेस का मिशन 2022 (विधानसभा चुनाव) पर फोकस है. ऐसे में सपा-बसपा इन दोनों राष्ट्रीय दलों का मुकाबला करने के लिए फिलहाल गठबंधन लोकसभा चुनाव बाद भी बनाए रखने की पक्षधर दिख रही हैं.

मंच से दी डेब्यू स्पीच

आगरा में हुई रैली में आकाश आनंद ने अपनी स्पीच के दौरान कहा कि मेरी बुआ जी की अपील पर यहां इतनी बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए हैं तो इसके लिए हम लोग आप सभी के आभारी हैं. मंच पर मेरे वरिष्ठ बैठे हैं और वे चुनाव के बारे में अपने विचार प्रकट करेंगे. मैं आपके सामने पहली बार आया हूं. अपना संक्षिप्त भाषण पार्टी के नारे ‘जय भीम’ और ‘जय भारत’ के उद्घोष से समाप्त किया. बता दें कि आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. वह मायावती के साथ पार्टी की बैठकों में नजर आते रहते हैं. बसपा की ओर से चुनाव प्रचार के लिए जारी स्टार प्रचारकों की सूची में आनंद भी शामिल हैं.

माया ने खुद कही थी राजनीति में लाने की बात

दरअसल बीते दिसंबर-जनवरी में बसपा सुप्रीमो मायावती के आस-पास हर तस्वीर में उनके भतीजे को देखा जा रहा था. चाहे आरजेडी उपाध्यक्ष तेजस्वी यादव द्वारा मायावती से मुलाकात के बाद की गई प्रेस ब्रीफिंग हो या सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा माया को जन्मदिन पर गुलदस्ता देते हुए खिंचवाई गई तस्वीर हो. सतीश मिश्रा के अलावा उनका भतीजा हर फ्रेम में दिख रहा है. सोशल मीडिया व अखबारों में इस युवा को लेकर काफी चर्चाएं होने लगीं जिसको लेकर मायावती आहत दिखीं. उन्होंने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कहा, ‘मेरी सरकार के दौरान मेरी सैंडल और चप्पल ही मीडिया में दिखते थे और अब वह आकाश की भी चप्पल के दाम दिखाए जा रहे हैं. दाम ऐसे बता रहे हैं जैसे मीडिया वालों ने ही खरीद कर दिया हो. उन्हें भूलना नहीं चाहिए, ‘मैं कांशीराम जी की शिष्या हूं और वह मीडिया को कैसे मुंहतोड़ जवाब देते थे सबको पता है. मैं भी पीछे नहीं हटूंगी और उन्हीं के अंदाज में मुंहतोड़ जवाब दूंगी. और अगर उन्हें लगता है कि मेरे भतीजे के खिलाफ सस्ती और घिनौनी साजिश करने से मैं डर जाऊंगी और किनारे लगा दूंगी तो गलत है. मैं अब आकाश को बसपा के मूवमेंट में और समर्पण के साथ लगाऊंगी.’

जानें आकाश के बारे में

आकाश आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. उन्होंने लंदन से मैनेजमेंट की पढ़ाई की है. कोर्स खत्म कर भारत लौटने के बाद से वह लगातार मायावती के साथ बने हुए हैं. हमेशा से माना जाता रहा है कि मायावती का भाई आनंद से उनको खास लगाव है. यहां तक की कुछ महीने पहले उन्होंने उनको पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बना दिया था. हालांकि बाद में उनसे पद छुड़वा दिया गया लेकिन उनके बेटे आकाश को राजनीति में उतारने की तैयारी चल रही है.

2017 में मेरठ में हुई बीएसपी की रैली में पहली बार आनंद को मायावती के साथ मंच पर देखा गया था. वहां मायावती ने आकाश का परिचय कराया था.

माया के सोशल मीडिया पर आने के पीछे आकाश!

आकाश इन दिनों अपनी ‘बुआ’ की क्षत्र-छाया में राजनीति का ककहरा सीख रहे हैं. फिलहाल तो वह सतीश मिश्रा के साथ बसपा के लिए रणनीति बनाने का काम देख रहे हैं. बसपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो मायावती की ट्विटर पर एंट्री के पीछे आकाश ही हैं. सूत्रों की मानें तो जल्द ही उन्हें संगठन में आधिकारिक तौर पर पद भी दिया जा सकता है. अभी वह स्टार प्रचारक तो बना दिए गए हैं लेकिन ‘इंटर्नशिप’ पूरी होने के बाद ही उन्हें संगठन में कोई पद दिया जाएगा.

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