नई दिल्ली: आज नरेंद्र मोदी 17वीं लोकसभा के प्रधानमंत्री की शपथ ली है. ये लोकसभा पिछली लोकसभा से कई मायनों में अलग है. क्योंकि नरेंद्र मोदी को अपने 5 साल के कार्यकाल के बाद भी प्रचंड बहुमत मिला है. इस बार संसद में महिला सांसदों की संख्या भी बढ़ी है. लेकिन इस बार संसद पहुंचने वाले उन सांसदों की संख्या भी बढ़ी है. जिन पर आपराधिक मामले चल रहे हैं. एडीआर (एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स) की रिपोर्ट के मुताबिक 17वीं लोकसभा में भाजपा के 116 यानी कि 39 फीसदी निर्वाचित सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, कांग्रेस के 26 यानी 57 फीसदी चुने हुए उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
इन मंत्रियों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले
बाड़मेर लोकसभा सीट से कैलाश चौधरी पर बालोतरा थाने के हिस्ट्रीशीटर भी हैं. इन पर चोरी, मारपीट, रास्ता रोकने, धोखाधड़ी के आरोप हैं. उनपर न्यायलय में धारा 447, 448, 454,379 के तहत भी कई मामले लंबित हैं. बेगुसराय लोकसभा सीट से गिरिराज सिंह पर आचार संहिता उल्लंघन, जन प्रतिनिधि कानून के अलावा भू-स्वामित्व विवाद और धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेजों से संबंधित मामले चल रहे हैं.
जोधपुर लोकसभा सीट से गजेंद्र सिंह शेखावत पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं. अर्जुन राम मेघवाल ने अपने हलफनामे में कोई आपराधिक मामला नहीं दिखाया है. लेकिन भारतीय निर्वाचन आयोग ने उनके नामांकन के साथ ही एक काउंटर नामांकन भी रखा है. जिसमें अर्जुनराम मेघवाल पर गंभीर मामलों में संलिप्त दर्ज होने की बातें लिखी हैं. हमीरपुर लोकसभा सीट से अनुराग ठाकुर पर भी न्यायलयों में आपराधिक मामले लंबित हैं.
मुरैना लोकसभा सीट से नरेंद्र सिंह तोमर पर का नामांकन अभी भारतीय निर्वाचन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं कराया गया है. लेकिन उन्होंने अपने पिछले चुनाव में एक आपराधिक मामले की घोषणा की थी. मंडला लोकसभा सीट से आने वाले फग्गन सिंह कुलस्ते ने अपने हलफनामे में 7 आपराधिक मामलों का ब्यौरा दिया है. इनमें से दो गंभीर मामले हैं.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में बनी मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में करीब 30 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज थे. इस रिपोर्ट के हिसाब से 78 केंद्रीय मंत्रियों में से 44 मंत्रियों ने अपने चुनावी नांमाकन में अपने ऊपर चले रहे आपराधिक मामलों की घोषणा की थी. इसमें पाया गया था कि 18 फीसदी मंत्रियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे. उमा भारती पर 1 हत्या, 1 केस भड़काऊ भाषण देने और चुनाव में अवैध लेन-देन के मामले का भी केस दर्ज था. उपेंद्र कुशवाहा और राम विलास पासवान पर भी रिश्वत लेने के एक-एक केस दर्ज थे. गोपीनाथ मुंडे पर भी अपरहण का मामला चल रहा था. नितिन गडकरी पर भी 4 आपराधिक मामले दर्ज थे. उनके अलावा राजीव प्रताप रूडी, रामकृपाल यादव और साध्वी निरंजन ज्योति पर भी 1-1 मामले दर्ज थे.