सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रविवार को महागठबंधन की रैली हुई. इसमें समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के दिग्गज नेता शामिल हुए. इस रैली के दौरान राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों मायावती और अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला. एक तरफ जहां बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि देवबंद की रैली देखकर पीएम मोदी पागल हो जाएंगे, तो वहीं दूसरी तरफ अखिलेश ने करारा हमला करते हुए कहा कि पहले चाय वाला बनकर हमें धोखा दिया था और अब चौकीदार बनकर धोखा दे रहे हैं.
मायावती ने अपने भाषण में ख़ुद को राष्ट्रीय नेता के तौर पर पेश किया
मायवाती ने भाजपा पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा, ‘ये रैली देखकर नरेंद्र मोदी पागल हो जाएंगे. ईवीएम में गड़बड़ी नहीं हुई तो गठबंधन लोकसभा चुनाव जरूर जीतेगा.’ महागठबंधन की इस रैली में भीम आर्मी के समर्थक भी पहुंचे थे. बसपा सुप्रीमो ने कहा, ‘वह गठबंधन को सराब के साथ-साथ पता नहीं क्या-क्या बोलते हैं. उनकी इस घबराहट से आप मानकर चलें कि उनकी सरकार जा रही है खासकर यूपी से और गठबंधन आ रहा है.’
ईवीएम से अच्छे दिन तक पर साधा निशाना
ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी नहीं की गई तो गठबंधन जरूर सत्ता में आएगा. मोदी सरकार को दलित और अल्पसंख्यकों का विरोधी बताते हुए मायावती ने कहा कि चौकीदारी की नाटकबाजी इस बार काम नहीं आने वाली. 2014 में अच्छे दिन के वादे का चौथाई भी पूरा नहीं किया. इससे ध्यान बंटाने के लिए नरेंद्र मोदी और बीजेपी लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है.
मायावती ने उठाया मुसलमानों से किसानों तक का मुद्दा
किसानों का मुद्दा उठाते हुए बसपा प्रमुख ने कहा, ‘भाजपा ने यूपी के किसानों का कुछ भी भला नहीं किया. वो बदहाल हैं. अगर मुझे केंद्र में मौका मिला तो मैं पूरे देश में किसानों का किसी भी तरह का बकाया नहीं रहने दूंगी.’ बीजेपी सरकार में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर मायावती ने कहा कि मुस्लमानों की हालत ख़राब है. सच्चर कमेटी की रिपोर्ट से भी इसका खुलासा होता है.
मायावती ने कहा कि केंद्र और अधिकांश राज्यों में बीजेपी की सरकारों के चलते भी मुस्लिमों का विकास होना बंद हो गया है. साथ ही उन पर जुल्म भी बढ़ गए हैं. मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार में यूपी के किसानों का कोई भला नहीं हुआ है. किसान बेहाल हैं. उन्होंने कहा, ‘मुस्लिम समाज से हाथ जोड़कर अपील है कि वो सजग रहें.’ इस बहाने उन्होंने मुसलमानों को कांग्रेस से सावधान रहने को भी कहा.
कांग्रेस पर भी बोला हमला
उन्होंने कहा कि सहारनपुर के मुस्लिम कैंडीडेट का टिकट उन्होंने बहुत पहले फाइनल किया था. कांग्रेस ने बाद में ऐसा किया. उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि इस सीट पर वोट बंटने नहीं देना है. उन्होंने कहा, ‘हर लोकसभा सीट पर बीएसपी का बेस वोट है. अब तो समाजवादी पार्टी का भी है इसिलिए महागठबंधन को वोट देना है.’ उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी के हाटाना है तो वोट बंटने नहीं देना है.
मायावती ने कहा कि योगी सरकार को भी रोकना है
वहीं, योगी सरकार पर भी हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि आगे चलकर इसे उत्तर प्रदेश में भी रोकना है और मोदी के साथ योगी को भी भगाना है. उन्होंने बीजेपी की जातिवादी, साम्प्रदायिक, पूंजीवादी अन्यायपूर्ण सरकार से भी मुक्ति दिलाने की बात कही और लोगों से पूरे देश को बचाने की अपील की और कहा कि गठबंधन ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखााय’ से देश को चलाएगा.
माया ने बताया कि हर एक वोट ज़रूरी होता है
मायावती ने कहा, ‘हमारे महापुरुष ज्योतिबा फुले, साहूजी महाराज, अंबेडकर लोहिया के सपनों को साकार करना है. वोट के दिन सुबह अपने-अपने पोलिंग बूथ पर उठते ही जाना है. हमारे हर कार्यकर्ताा पोलिंग बूथ पर रहें और हर एक वोट डलवाएं. ये उनकी नैतिक जिम्मेदारी है.’
अखिलेश ने चाय वाले से चौकीदार तक पर साधा निशाना
मायावती के बाद राज्य के पिछले सीएम अखिलेश यादव का भाषण हुआ. अखिलेश ने मोदी के ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान पर हमला करते हुए कहा, ‘भाजपा वाले पिछले चुनाव के वादों के बारे में बात नहीं करना चाहते. पिछली बार चाय वाला बनकर आए तो हमने भरोसा कर लिया. अच्छे दिन, 15 लाख़ और 2 करोड़ नौकरी का भरोसा कर लिया. अब चौकीदार बनकर आए हैं.’
अपना हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि गरीब, किसान, अल्पसंख्यक, पिछड़े मिलकर चौकीदार की चौकी छीनने का काम करेंगे. अखिलेश ने कहा कि ये भविष्य का चुनाव है. देश का भविष्य तय करने वाला चुनाव है. उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि हमारे गठबंधन को मिलावट कहते हैं. सराब बोलने वाले लोग सत्ता के नशे में हैं. ये परिवर्तन और नई सरकार देने वाला गठबंधन है. नए पीएम बनाने का गठबंधन है.
विभाजन की राजनीति से नोटबंदी और जीएसटी तक पर हुआ हमला
उन्होंने पीएम मोदी की पार्टी की राजनीति पर हमला करते हुए कहा कि ये सब मिटा देना चाहते हैं. दिलों में खाई पैदा करना चाहते हैं. गठबंधन चौधरी चरण सिंह की विरासत को आगे बढ़ाएगा. दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों की नौकरियां गायब कर दीं. वादा करके उसके ख़िलाफ़ काम करते हैं. अखिलेश ने कहा कि अच्छे दिन के नाम पर इन्होंने बुरे दिन ला दिए. काला धन का वादा था, लोगों का पैसा बैंक में जमा कर दिया.
राज्य के इस पूर्व सीएम ने कहा कि जीएसटी से छोटे कारोबारियों को नुकसान हुआ. छोटे व्यापारी लंच और मंच के लिए रह गए हैं, उनका कोई कारोबार नहीं बचा है. अखिलेश ने आरोप लगाया कि किसानों को सरकार गन्ने का भुगतान नहीं कर रही. हमारा देश पीछे जा रहा है. समाज में दीवारें बना दी. उन्होंने कहा, ‘अंग्रेज़ों ने दिलों और लोगों को बांट करके राज किया था, उससे ज़्यादा बांटने का काम बीजेपी ने किया है.’
दिलाई गोरखपुर, फूलपुर और कैराना में जीत की याद
राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा, ‘हम 56 इंच का सीना देखना थे, वो भी नहीं दिखा. सीमाएं सुरक्षित नहीं है. रोज़ जवान शहीद हो रहे हैं.’ वहीं, उन्होंने कहा कि ये चुनाव परिवर्तन और देश को बदलने का चुनाव है. भाईचारा बढ़ाने का चुनाव है, नफरत की दीवार गिराने का चुनाव है. उन्होंने ये भी कहा कि लोग पूछते हैं कि महागठबंधन कैसे जीतेगा. उन्होंने जवाब में कहा, ‘जब उपचुनाव हुए थे तो एक-एक कैडर के समर्थन से गोरखपुर, फूलपुर और कैराना में बनाई गई नफरत की दीवार गिराकर ऐतिहासिक मतों से चुनाव जीत लिया.’
अखिलेश ने की वोट नहीं कटने देने की अपील
अखिलेश ने ये भी कहा कि बीजेपी वाले गठबंधन से डरे हुए हैं और अपील की कि एक भी वोट कटने न पाए, एक भी वोट बंटने न पाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस-बीजेपी में कोई अंतर नहीं है. कांग्रेस बदलाव नहीं लाना चाहती, वो यूपी में अपनी पार्टी बनाना चाहती है. गठबंधन देश बनाने का काम कर रहा है. गठबंधन ने ढेर सारी सड़कें बनवाई है. बसपा-सपा के कार्यकाल में जितना बिजली का काम हुआ है उतना पांच साल की केंद्र सरकार और दो साल की बीजेपी वाली यूपी सरकार नहीं बना पाई. एक मेगावाट बिजली नहीं बनी और दावा करते हैं कि गांव में बिजली पहुंच गई है.
वहीं, नवरात्र के बहाने भाषण को धार्मिक रंग देते हुए उन्होंने कहा कि वो बीजेपी से निवेदन करते हैं कि नवरात्र पर उनके लोग संकल्प लें कि आज के बाद कभी झूठ नहीं बोलेंगे. उन्होंने महागठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने की भी अपील की और उम्मीद जताई की तीनों दल मिलकर देश को नया पीएम देने का काम करेंगे.
अजीत सिंह ने पीएम मोदी को कहा झूठा
इसी गठबंधन का हिस्सा आरएलडी प्रमुख अजीत सिंह ने कहा, ‘मोदी साहब ने वादा किया था, हर एक आदमी की जेब में 15 लाख़ रुपए पहुंचेंगे.’ उन्होंने सवाल उठाया कि देश का पीएम झूठ बोलता है? उन्होंने हमला करते हुए कहा कि ये झूठ नहीं बोलते, बल्कि ये कभी सच नहीं बोलते.
RLD's Ajit Singh:Modi sahab ne wada kiya tha, har ek aadmi ki jeb main Rs15 lakh pahaunchenge. Desh ka PM jhoot bolta hai? Na,ye jhoot nahi bolta, ye kabhi sach nahi bolta. Bachhe ko kya sikhaate ho aap ki beta sach bola kar,Modi ke ma-baap ne usko sach bolne ki salah nahi di hai pic.twitter.com/zNN4GWxsYB
— ANI UP (@ANINewsUP) April 7, 2019
80 सीटों वाला उत्तर प्रदेश तय करेगा बहुमत का खेल
आपको बता दें कि संख्या के लिहाज़ से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 80 सीटें हैं. केंद्र की सत्ताधारी पार्टी भाजपा के लिए ये राज्य खेल बदलने वाला साबित हुआ था. इस राज्य में पार्टी ने 2014 के आम चुनाव में 71 सीटें जीती थीं. तब सपा और बसपा अलग लड़ रहे थे. लेकिन 2019 में दोनों के साथ आने से ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस राज्य में भाजपा का खेल बिगड़ सकता है और सीटों की संख्या आधी हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो पार्टी बहुमत से काफी दूर चली जाएगी और ये बात इनके लिए चिंता का सबब बनी हुई है.
क्या स्तर है पत्रकारिता का। लाजवाब ।
मैने इस से अधिक घटिया सोच की पत्रकारिता का नमूना नहीं देखा।
सेक्स पार्टनर रखने पर पत्रकार, स्वयं की आजादी को उचित ठहराने के लिए इतना नीचे गिर गयी है कि उन्हे इसके लिए ग्रामीण महिला के मासूम जवाबो को भी घटिया तौर पर प्रस्तुत करने में कोई शर्म नहीं है ।