पटना : 19 मई को पोलिंग के दिन पटना साहिब निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा ने आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव को वोट देने के अपील करने के लिए कहा था. लेकिन लालू प्रसाद यादव की विरासत संभालने वाले तेजस्वी यादव ने उनका फ़ोन तक नहीं उठाया था.
सिन्हा के सहयोगी का कहना है कि वो हताश हैं सिन्हा रवि शंकर प्रसाद से करीब डेढ़ लाख वोटों से हार सकते हैं. उनके निर्वाचन क्षेत्र में गिनती ख़त्म हो चुकी है हालांकि परिणाम अभी घोषित नहीं हुए हैं.
पटना साहिब में परिणाम शायद ही कोई आश्चर्य की बात है, यह भाजपा का गढ़ है. सिन्हा 12 साल तक राज्यसभा सांसद और 10 साल लोकसभा के सदस्य रहे, तब वह भाजपा में ही थे. अब 74 साल की उम्र में सिन्हा का राजनीतिक करियर अंतिम दौर में है.
भाजपा के एक मंत्री ने कहा उन्होंने अपना सार्वजनिक जीवन 60 के दशक में शुरू किया. वह एक खलनायक थे. जिसे लोगों ने प्यार दिया और यहां तक कि जब उन्होंने नायकों को सिल्वर स्क्रीन पर पीटा. तब भी उनकी सराहना की गयी थी अब वह हार गए हैं. वह बिहार के सबसे बड़े फ़िल्मी सितारा हैं यह दुखद है कि वह हमारे लिए राजनीतिक खलनायक बन गए। लेकिन हम उन्हें प्यार और सम्मान देते रहेंगे.’
पटना साहिब से सिन्हा की हार शायद उनके राजनीतिक जीवन की हार हो उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत नई दिल्ली लोकसभा सीट के उपचुनाव में हार के साथ की थी.
सिन्हा को भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया था. उनके खिलाफ राजेश खन्ना ने चुनाव लड़ा था सिन्हा चुनाव हार गए. लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी की छत्रछाया में भाजपा में रहे लेकिन अप्रैल में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. सिन्हा को लाल कृष्ण आडवाणी के द्वारा छोड़ी गयी नई दिल्ली सीट से उपचुनाव में उतरा गया था.