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Wednesday, 6 November, 2024
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पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल का दावा, चंडीगढ़ के लिए घातक है भाजपा

घोटाले के आरोपों के बाद रेल मंत्री के रूप में इस्तीफा देने वाले दिग्गज कांग्रेस नेता पवन बंसल का कहना है कि वह इस मुद्दे पर किसी से भी बहस के लिए तैयार हैं.

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चंडीगढ़: पूर्व रेलमंत्री पवन कुमार बंसल ने 2013 में अपने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.उन्होंने कहा कि वे अपने निजी और सार्वजिनक जीवन में किसी भी बहस के लिए तैयार है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बंसल चंडीगढ़ से चार बार से सांसद रह चुके हैं. उन्हें पार्टी ने 2019 में चल रहे लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से मौका दिया है. 1999 से लगातार तीन बार सांसद रहे बंसल को 2014 लोकसभा चुनाव में अभिनेत्री से नेता बनी भाजपा की किरण खेर के हाथों 70 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा.

2013 में बंसल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उनपर आरोप था कि केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होंने रेलेवे के एक सीनियर अधिकारी की नियुक्ति के लिए नियम से विरुद्ध जाकर मदद की थी. इस को रेलगेट से जाना जाता है.

एक बार फिर से चुनाव में अपना दावा ठोक रहे पवन बंसल आशवस्त हैं कि चंडीगढ़ के लोग इसबार उनपर भरोसा जताएंगे.

दिप्रिंट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी होगी अगर आप रेलगेट से संबंधित कोई सवाल पूछेंगे.’

70 वर्षीय नेता कहते हैं, ‘मैं रेलगेट मामले में पूछे जाने वाले किसी भी सवाल का स्वागत करूंगा. क्योंकि लोगों को यह जानना जरूरी है कि इससे कुछ भी बाहर निकल कर नहीं आया.’

वे आगे बताते हैं, ‘लेकिन मुझे लगता है कि इस चुनाव में भाजपा इस मुद्दे को केवल कीचड़ उछालने के लिए इस्तेमाल कर रही है.’
‘मुझे लगता है कि चंडीगढ़ में ये चुनाव बेकार नहीं जाएगा. जो खुद शीशे के घर में रहते हैं उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए. मेरे पास भी चंडीगढ़ के वरिष्ठ भाजपा नेताओं के बारे में कहने को बहुत कुछ है लेकिन मैं बिना आरोप-प्रत्यारोप में पड़े इस चुनाव को प्रतिस्पर्धी बनाना चाहता हूं.’

बंसल ने डिबेट की बात को फिर से दोहराया.

उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले पांच सालों में किरण खेर और अन्य भाजपा नेताओं ने शहर के लिए कोई काम न करके जो भी गलतियां की है, उसके लिए उन्हें माफ करता हूं.’

‘यह चुनाव केवल एक मुद्दे पर लड़ा जाना चाहिए. सार्वजनिक और व्यक्तिगत जीवन में इमानदारी और मैं विपक्ष को इस मुद्दे पर लोहा लेने को तैयार हूं. ’

रेलगेट का भूत पीछा नहीं छोड़ रहा

बंसल ने 2012 में यूपीए सरकार में रेलमंत्री का पद संभाला था. 2013 मई में उनके भतीजे विजया सिंगला को सीबीआई ने रेलवे में नियुक्ति के मामले में रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इसके बाद बंसल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

‘मैं उस मामले में अभियोजन पक्ष का गवाह हूं. और मैं अदालत को बताऊंगा कि जो कुछ भी मुझे पता है, वह क्या है. सीबीआई द्वारा पूरी जांच के दौरान मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं निकला है. मेरे बेटे बिजनेसमैन हैं. उनके दफ्तरों पर आयकर अधिकारियों ने छापा मारा लेकिन उसमें से कुछ नहीं निकला.’

बंसल पूरी तरह से चुनावी मोड में हैं. चंडीगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों से मिलना, यहां तक कि उनके प्रतिद्वंदी का नाम भी अभी तक घोषित नहीं किया गया है. भाजपा खेर को टिकट देने से पहले विचार विमर्श कर रही है. क्योंकि चंडीगढ़ के अध्यक्ष संजय टंडन और पूर्व सांसद सत्य पाल जैन भी टिकट लेने की दौड़ में हैं.

चंडीगढ़ में लोकसभा चुनाव अंतिम चरण में यानी 19 मई को होगा.बंसल ने कहा, ‘चंडीगढ़ में भाजपा शासन के पांच साल शहर के लिए विनाशकारी रहे हैं. एक शहर जो स्मार्ट सिटी बन सकता था, वह स्वच्छ सर्वेक्षण (स्वच्छ भारत अभियान के तहत वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण) में 20 वें स्थान पर आ गया है और भारत के 200 शहरों के स्मार्ट शहरों में से 70 वें स्थान पर है.’

उन्होंने कहा, ‘शहर की यातायात समस्या बद से बदतर हो गई है और मेट्रो परियोजना को ठप्प कर दिया गया है. यह एक मोनोरेल परियोजना द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है, जो पांच साल से केवल कागजों पर ही अटकी हुई है. वे आगे कहते हैं, ‘डंपिंग ग्राउंड और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की समस्याएं आम नागरिकों को परेशान करती हैं और श्रीमती खेर के पास विकास के नाम पर कुछ नहीं है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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