लखनऊ: चुनाव की तारीख घोषित होते ही सभी दल प्रत्याशियों की घोषणा को लेकर माथापच्ची में जुटे हैं. इसी बीच खबर है कि इस बार कई बड़े चेहरे सीट बदलने जा रहे हैे. यानि कि जिस सीट से वे सांसद रह चुके हैं या चुनाव लड़ चुके हैं उसके बजाए दूसरी सीट से इस बार ताल ठोकेंगे. इनमें सुल्तानपुर से मौजूदा बीजेपी सांसद वरुण गांधी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, पीलीभीत सांसद व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी का नाम शामिल है.
इनके अलावा भी कई दूसरे चेहरे हैं जिनको लेकर अभी तय नहीं हुआ है कि वह अपनी ही सीट पर लड़ेंगे या नहीं.
मेनका व वरुण बदल सकते हैं सीट
सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद वरुण गांधी इस बार सीट बदल सकते हैं. चर्चा है कि वह पीलीभीत से चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. सूत्रों की मानें तो पीलीभीत से मौजूदा सांसद व उनकी मां मेनका गांधी हरियाणा की करनाल सीट से चुनाव लड़ सकती हैं. ऐसे में वरुण पीलीभीत से चुनावी मैदान में उतरेंगे. वरुण 2009 लोकसभा चुनाव जीतकर पीलीभीत से सांसद रह चुके हैं. इस क्षेत्र में उनकी पकड़ भी मजबूत है.
हालांकि, बीजेपी का कोई भी पदाधिकारी इस पर कुछ बोलने से बच रहा है लेकिन वरुण पिछले काफी दिनों से सुल्तानपुर नहीं आए हैं. ऐसे में उनके मौजूदा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार वरुण सीट बदल सकते हैं. वहीं दूसरी ओर मेनका गांधी पीलीभीत में लगातार सक्रिय हैं. हालांकि उनका कहना है कि अंतिम फैसला पार्टी को लेना है. पार्टी जहां से कहेगी वह वहां से चुनाव लड़ेंगी.
राजबब्बर भी दूसरी जगह से लड़ेंगे चुनाव
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर के बारे में कहा जाता है कि वह हर बार सीट बदल लेते हैं. साल 2009 में वह फिरोजाबाद से लड़े तो वहीं 2014 में गाजियाबाद से. इससे पहले नब्बे के दशक में वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ लखनऊ से भी लड़ चुके हैं.
अब वह मुरादाबाद से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. इससे पहले फतेहपुर सीकरी से उनके चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे. राजबब्बर ने कार्यकर्ताओं से फतेहपुर सीकरी में मुलाकात भी की थी लेकिन मौजूदा समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उन्हें मुरादाबाद सीट ज्यादा समझ आ रही है.
अखिलेश आजमगढ़ से लड़ सकते हैं चुनाव
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुछ महीने पहले कन्नौज से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी. इसका कारण बताया जा रहा था कि वह कन्नौज से सांसद भी रह चुके हैं. इस सीट से उनका बेहद लगाव है लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें ये सीट छोड़नी पड़ी थी. इसके बाद डिंपल यादव यहां से सांसद बनीं. इस बार फिर डिंपल यादव कन्नौज से चुनाव लड़ेंगी ऐसे में अखिलेश अपनी मनपसंद सीट के बजाए आजमगढ़ से चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं. 2014 में मुलायम सिंह यादव इस सीट से सांसद बने थे. इस बार मुलामय सिंह यादव मैनपुरी से ही लड़ेंगे.
कयास दूसरे नामों को लेकर भी
चर्चा तो ये भी है कि बीजेपी कई मौजूदा सांसदों के टिकट काटेगी. वहीं कुछ को दूसरी जगह से भी चुनावी मैदान में उतार सकती है. साध्वी निरंजन ज्योति फतेहपुर की जगह हमीरपुर से चुनाव लड़ सकती हैं तो वहीं जनरल वीके सिंह गाजियाबाद की बजाए हरियाणा की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र के टिकट को लेकर भी संशय है.