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Friday, 19 April, 2024
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पुलवामा हमले के बाद ‘पाकिस्तान’, ‘आतंकवाद’ और ‘चौकीदार’ मोदी के पसंदीदा शब्द बन गए

पुलवामा हमले के पहले और बाद में मोदी के भाषणों के शब्दों का दिप्रिंट ने विश्लेषण कर पाया कि उनके चुनावी कैंपेन में इनमें बड़ा बदलाव आया है.

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नई दिल्ली: भारत में 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार को देखे तो 14 फरवरी को जम्मू व कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए हमला एक टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ है. और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बात को मानेंगे. मोदी ने 3 जनवरी से 3 अप्रैल के बीच 47 पब्लिक मीटिंग की और पुलवामा हमले के बाद कई रोचक ट्रेंड भी देखने को मिले हैं. दिप्रिंट ने मोदी के भाषणों से निकले कुछ ‘पॉपुलर शब्दों’ का मूल्यांकन किया है. सारे भाषण प्रधानमंत्री की आधिकारिक वेबसाइट narendramodi.in पर सुने जा सकते हैं.

पुलवामा हमले के बाद उनके भाषणों में आए बदलाव को देखा गया तो ‘पाकिस्तान’ और ‘सुरक्षा’ जैसे चर्चित शब्दों की बाढ़ आ गई है.

‘पाकिस्तान’ और ‘सुरक्षा’

3 जनवरी से 14 फरवरी तक प्रधानमंत्री ने 23 सार्वजनिक भाषण दिए. जिन राज्यों में उनके भाषण हुए उनमें उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र और असम आदि राज्य शामिल है.

उन्होंने अपने भाषणों में 370 बार ‘सरकार’, 184 दफे ‘भारत’ और 168 मर्तबा ‘योजना’ शब्द का प्रयोग किया. इस बीच उन्होंने देश के कई जगहों का दौरा किया. नई योजनाओं का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने 12 बार ‘नींव का पत्थर’ शब्द का इस्तेमाल किया.

लेकिन पुलवामा हमले के बाद दिए गए 24 भाषणों में जहां ‘सरकार’ शब्द 370 से घटकर 234 हो गए. वहीं ‘योजना’ शब्द का इस्तेमाल केवल 47 बार ही किया.

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analysis of modi speech before and after pulwama attack
ग्रैफिक | सोहम सेन / दिप्रिंट

इसी दरम्यान मोदी द्वारा ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल 184 से बढ़कर 220 हो गया. यह खासतौर से 26 फरवरी को भारत द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में ‘सफलतापूर्वक’ हवाई हमले करने और उसके एक महीने बाद एंटी सैटेलाइट मिसाइल (ए-सैट) का परीक्षण करने के कारण हुआ.

इन्हीं दो घटनाओं के कारण ‘पाकिस्तान’, ‘आतंकवाद’, ‘सुरक्षा’ और ‘बालाकोट’ जैसे शब्द प्रधानमंत्री के भाषणों का हिस्सा बन गए. जहां उन्होंने ‘आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल 370 बार किया, वहीं 47 बार ‘पाकिस्तान’ का, 35 बार ‘सुरक्षा बलों’ और 5-5 बार ‘भारतीय वायुसेना’ व ‘बालाकोट’ का इस्तेमाल किया.

पुलवामा हमले से पहले मोदी ने केवल दो बार पाकिस्तान का नाम लिया था.
मोदी ने अपने भाषणों में इस बात का जिक्र कई बार किया कि भारतीय ‘सुरक्षा बलों’ ने किस तरह से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया और ‘विश्व’ को ‘नए भारत’ की क्षमता से अवगत कराया. इसमें ध्यान देने वाली बात है कि दक्षिण भारत में प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में इन शब्दों का कम प्रयोग किया.

‘चौकीदार’, ‘कांग्रेस’

विपक्ष ने इस बार के चुनाव अभियान में मोदी सरकार को कथित राफेल घोटाले से घेरते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी को लगातार इन आरोपों पर घेरते हुए ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगाए. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इन आरोपों को लेकर मोदी पर लगातार निशाना साधा, ‘चौकीदार चोर है’.

अपने ऊपर लग रहे इन आरोपों का जवाब देते हुए मोदी ने पुलवामा हमले से पहले 50 बार चौकीदार शब्द का इस्तेमाल किया. लेकिन 14 फरवरी के बाद सत्ताधारी भाजपा को नया मुद्दा मिला, उसने भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब अपने चुनावी अभियान में ‘देश का चौकीदार’ कह कर दिया.

मोदी ने पुलवामा हमले के बाद 200 बार ‘चौकीदार’ शब्द का इस्तेमाल किया. जहां हमले से पहले प्रधानमंत्री ने मुख्य विपक्षी पार्टी ‘कांग्रेस’ के नाम का उल्लेख अपने भाषणों में 150 बार किया, वहीं हमले के बाद केवल 46 बार इस शब्द को अपने भाषण में लाया.

मोदी ने गांधी परिवार को यूपीए सरकार में हुए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरते हुए, आजादी के बाद से भारतीय सैन्य ताकत की धीमी विकास पर भी कोसा.

‘कनेक्टिविटी’, ‘किसान’

भले मोदी सरकार ने अपनी कल्याणकारी योजनाओं के तहत भारतीय किसानों के लिए काम करने का दावा किया है, खासकर बजट में उनके लिए घोषित न्यूनतम आय की गारंटी, मोदी ने हमले के बाद 126 बार ‘किसान’ शब्द का इस्तेमाल किया. जबकि हमले के पहले इस शब्द का इस्तेमाल 170 बार किया गया था.

इसी तरह, मोदी ने प्रौद्योगिकी और उसके प्रभाव के बारे में, जो कि उनके पंसदीदा विषयों में से एक है, प्रधानमंत्री ने पुलवामा हमले से पहले ‘कनेक्टिविटी’ शब्द का इस्तेमाल 30 बार किया, जबकि हमले के बाद इस शब्द का उल्लेख उन्होंने केवल 5 बार किया.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)  

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