नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से चुनाव लड़ रहे भीम आर्मी प्रमुख के ख़िलाफ़ मायावती ने गंभीर आरोप लगाए हैं. बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम का आरोप है पीएम मोदी की भारतीय जनता पार्टी चंद्रशेखर को वाराणसी से चुनाव लड़वा रही है.
बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर आरोप लगाते हुए लिखा, ‘दलितों का वोट बांटकर ख़ुद को फायदा पहुंचाने के लिए ही भाजपा भीम आर्मी के चंद्रशेखर को वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़वा रही है.’ मायावती आगे लिखती हैं कि यह संगठन (भीम आर्मी) बीजेपी ने ही षड़यंत्र के तहत बनवाया है और इसकी आड़ में भी अपनी दलित-विरोधी मानसिकता वाली घिनौनी राजनीति कर रही है.
दलितों का वोट बांटकर बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए ही बीजेपी भीम आर्मी के चन्द्रशेखर को वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़वा रही है। यह संगठन बीजेपी ने ही षडयंत्र के तहत बनवाया है और इसकी आड़ में भी अपनी दलित-विरोधी मानसिकता वाली घिनौनी राजनीति कर रही है।
— Mayawati (@Mayawati) March 31, 2019
मायावती ने इससे जुड़े एक और ट्वीट में गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा है कि बीजेपी ने गुप्तचरी करने के लिये पहले चंद्रशेखर को उनकी पार्टी बसपा में भेजने का प्रयास किया. लेकिन उनका यह षड़यंत्र विफल रहा.
उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा कि अहंकारी, निरंकुश और घोर जातिवादी के अलावा साम्प्रदायिक भाजपा को सत्ता से हटाने के लिये आपका एक-एक वोट बहुत कीमती है. उनकी वोटरों से अपील है कि वो इसे किसी भी हाल में बर्बाद मत होने दें.
आपको बता दें कि चंद्रशेखर ने 15 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर से पीएम मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी के रण में उतरने का ऐलान किया था. इस दौरान उन्होंने मायावती और उनके सहयोगी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी हमले किए थे. हालांकि, हल्के लहज़े में किए गए इस हमले के दौरान उन्होंने पीएम मोदी के ख़िलाफ़ इन नेताओं से समर्थन की भी मांग की थी.
कौन हैं चंद्रशेखर आजाद?
दरअसल साल 2017 में सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में दलितों और सवर्णों के बीच झड़प हुई थी. इस दौरान एक संगठन उभरकर सामने आया, जिसका नाम भीम आर्मी था. पूरा नाम ‘भारत एकता मिशन भीम आर्मी’ है और इसका गठन करीब 6 साल पहले किया गया था. इस संगठन के संस्थापक और अध्यक्ष हैं चंद्रशेखर, जिन्होंने अपना उपनाम ‘रावण’ रखा हुआ था जिसे उन्होंने बाद में अपने नाम से हटा दिया.
चंद्रशेखर का जन्म सहारनपुर में छुटमलपुर के पास धडकूलि गांव में हुआ है. उन्होंने लाॅ की पढ़ाई की है. वह पहली बार 2015 में सुर्खियों में आए. उन्होंने अपने मूल स्थान पर एक बोर्ड लगाया था, जिसमें ‘धडकूलि वेलकम यू द ग्रेट चमार्स’ लिखा था. इस कदम ने गांव में दलितों और ठाकुर के बीच तनाव पैदा कर दिया था.
चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया के जरिए काफी सुर्खियां बटोरी हैं. चंद्रशेखर ने फेसबुक और वाट्सएप के जरिए लोगों को भीम आर्मी से जोड़ने का काम किया. अब पश्चिम यूपी में भीम आर्मी का काफी प्रभाव है. वह दलित-मुस्लिम एकता के पक्षधर हैं और कांग्रेस इस फैक्टर को ध्यान में रखकर चल रही है.