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Friday, 22 November, 2024
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लोकसभा रिज़ल्ट: दक्षिण के द्वार कर्नाटक में मोदी का जादू चला, भारी जीत की ओर भाजपा अग्रसर

कर्नाटक में भाजपा ने भारी बढ़त बना ली है और पार्टी यहां बड़ी सफलता हासिल करने जा रही है. राज्य में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर की हालत खराब दिख रही है.

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नई दिल्ली: शुरुआती रुझानों में देश ने एकबार फिर नरेंद्र मोदी को स्वीकार कर लिया है. शुरुआती रुझानों में भाजपा आगे चल रही है. कर्नाटक में भाजपा 28 में से 23 सीटों पर आगे चल रही है, कांग्रेस 3 सीटों पर आगे है , जनता दल सेक्युलर 1 सीट पर, अन्य को 1 पर बढ़त मिली है. बैंगलुरु साऊथ से तेजस्वी सुर्या आगे चल रहे है,एच डी देवेगौडा टुमकुरु से पीछे चल रहे हैं, शोभा करंदलाजे उडुपी से आगे चल रही है.

अब तक का हाल

कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस जनता दल (एस) की गठबंधन जोकि विधान सभा चुनावों के बाद भाजपा को बाहर रखने के लिए बना था अब 2019 की लोकसभा में भी कायम है. भाजपा को 2004 में राज्य से 18 सीटें, 2009 में 19 और 2014 में 17 सीटे मिली थी.

पार्टी की राज्य में अपने अच्छे प्रदर्शन की आशा है. और विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा के अच्छे प्रदर्शन का सीधा असर राज्य की कांग्रेस जनता दल सरकार पर भी पड़ेगा.

उत्तरी कर्नाटक भाजपा का गढ़ है और इस हिंदुत्व की प्रयोगशाला भी माना जाता है. वहीं दक्षिणी कर्नाटक जनता दल सैक्युलर का गढ़ है. यहां वोक्कालिगा समुदाय का वर्चस्व है, ये वो ही समुदाय है जिससे मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी आते हैं.

उत्तर कर्नाटक लिंगायत समुदाय का गढ़ है, जो राज्य में भाजपा के सबसे बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का इलाका है, जो स्वयं लिंगायत है. उत्तरी कर्नाटक की 14 में 11 सीटें भाजपा ने पिछले चुनावों में जीती थी.

लिंगायतों की कर्नाटक में 17 प्रतिशत जनसंख्या है, वोक्कालिगा राज्य के 12 प्रतिशत है. कर्नाटक में 84 प्रतिशत हिंदू है और 13 प्रतिशत मुस्लिम.

कांग्रेस और जनता दस (एस) के बीच राज्य में पिछले साल के सितंबर में गठबंधन सरकार बनी थी. पर दोनो दलों के बीच राज्य सरकार को चलाने में लगातार कहासुनी रही है.

कर्नाटक आम तौर पर राज्य और केंद्र के लिए अलग अलग दलों को चुनता है. अभी राज्य सरकार कांग्रेस जनता दल (एस) के हाथ है. मोदी लहर नहीं है पर मोदी राज्य में अब भी लोकप्रिय है. साथ ही भाजपा के हाथ में धन भी ज्यादा है जिसे उसने प्रचार में खर्च किया.

राज्य में प्रमुख नेता जो अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं उनमें मुख्यमंत्री कुमारास्वामी के बेटे निखिल कुमार मांड्या से चुनाव लड़ रहे हैं. जेडीएस प्रमुख एच डी देवेगौडा टुमकुरु से और बैंगलुरु दक्षिण से सबसे कम उम्र के उम्मीदवार तेजस्वी सुर्या भी शामिल है. सुर्या का मुकाबला कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद के साथ है. भाजपा की शोभा करंदलाजे उडुपी से खड़ी हुई है. केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा भाजपा के टिकट पर एक बार फिर बैंगलुरू नॉर्थ से खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस के एम वीरप्पा मोईली और के एच मुनियप्पा भी चुनाव लड़ रहे हैं.

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