लखनऊ/रायबरेली: कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले रायबरेली में गांधी परिवार के अलावा दो अन्य परिवारों का बोलबाला है. एक है अखिलेश सिंह का परिवार, दूसरा है दिनेश सिंह का परिवार. पूर्व विधायक अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह रायबरेली सदर से कांग्रेस की विधायक हैं. वहीं दिनेश सिंह हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं. अब वह बीजेपी के टिकट पर सोनिया गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.
कभी माने जाते थे गांधी परिवार के करीबी
दिनेश सिंह को कभी गांधी परिवार का करीबी माना जाता था. कांग्रेस ने उन्हें एमएलसी भी बनवाया. वहीं उनके भाई राकेश सिंह साल 2017 में कांग्रेस पार्टी से ही हरचंदपुर विधान सभा से विधायक बने. वहीं एक अन्य भाई अवधेश सिंह रायबरेली ज़िला पंचायत के अध्यक्ष हैं. पिछले साल दिनेश सिंह अपने पूरे परिवार के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने रायबरेली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की एक बड़ी रैली भी आयोजित की.
कांग्रेस से पहले सपा-बसपा भी रह चुके हैं
पिछले साल अवधेश सिंह ने एक पत्र जारी किया था. इसमें लिखा था कि पंचवटी अब कांग्रेस की नहीं रही. दरअसल (पंचवटी) दिनेश सिंह के भवन का नाम है. यहीं दिनेश सिंह परिवार की राजनीतिक रणनीति तय होती है. यहां के पत्रकार बताते हैं कि यह परिवार सोनिया गांधी के करीबियों में शुमार रहे हैं. यह लोग कुल पांच भाई हैं. तीन लोग राजनीति में सक्रिय हैं. कांग्रेस से पहले ये सपा व बसपा में भी रह चुके हैं.
प्रियंका गांधी पर लगाए थे आरोप
दिनेश सिंह ने कांग्रेस छोड़ने से पहले प्रियंका गांधी पर टिकट देने को लेकर धोखाधड़ी के आरोप तक लगा दिए थे. यही नहीं, उन्होंने कांग्रेसी नेताओं पर तमाम आरोप भी लगाए है. कहा है कि रायबरेली में कांग्रेस को प्राइवेट लिमिटेड फर्म की तरह चलाया जा रहा है. इसके जवाब में कांग्रेस के दूसरे एमएलसी दीपक सिंह ने कहा था कि दिनेश सिंह में जरा भी नैतिकता होती तो वे भाजपा में जाने से पहले विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देते. उन्होंने कहा कि दिनेश ने सपा व बसपा से चुनाव लड़कर देख लिया, उन्हें हार ही मिली. कांग्रेस ने सम्मानजनक स्थिति में पहुंचाया तो उसी के साथ उन्होंने विश्वासघात किया.
दिनेश सिंह ने आरोप लगाया था कि प्रियंका गांधी की वजह से उन्हें विधानसभा का टिकट नहीं मिला और अपने भाई के लिए हरचंदपुर विधानसभा सीट के टिकट के बदले प्रियंका गांधी ने उनसे एमएलसी की सीट से इस्तीफ़ा लिखवाकर रख लिया था. अब दिनेश सिंह भाजपा के टिकट पर उनकी मां सोनिया गांधी के खिलाफ चुनावी मैदान में होंगे. वहीं प्रियंका भी कांग्रेस की महासचिव व पूर्वी यूपी इंचार्ज बनने के बाद एक्टिव हैं.
कांग्रेस का गढ़ा माना जाता रहा है रायबरेली
रायबरेली को हमेशा से कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है. सोनिया से पहले पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी भी यहां से चुनाव लड़ती रही हैं. रायबरेली लोकसभा सीट पर अभी तक कुल 16 बार लोकसभा आम चुनाव और दो बार लोकसभा उपचुनाव हुए हैं. इनमें से 15 बार कांग्रेस को जीत मिली है, जबकि एक बार भारतीय लोकदल और दो बार बीजेपी यहां से जीत चुकी है. 1957 में पहली बार हुए चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर उतरे और जीतकर सांसद बने.
अगर वोटर्स संख्या की बात करें तो रायबरेली लोकसभा सीट पर 2014 में 16 लाख से अधिक वोटर हैं. रायबरेली संसदीय सीट के तहत 5 विधान सभा क्षेत्र आते हैं. इनमें बछरावां, हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी और ऊंचाहार हैं. मौजूदा समय में बछरावां और सरेनी सीट पर बीजेपी का कब्जा है और हरचंदपुर और रायबरेली सीट कांग्रेस के पास है. वहीं ऊंचाहार सीट सपा के पास है.
बीजेपी ने जारी की सूची
आगामी चुनाव के लिए बीजेपी ने 16वीं सूची जारी की है. इस सूची में 6 प्रत्याशियों के नाम हैं जिसमें पांच उम्मीदवार उत्तर प्रदेश जबकि एक प्रत्याशी महाराष्ट्र से है. भोजपुरी फिल्म अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को पार्टी ने आजमगढ़ से टिकट दिया है. पार्टी ने फिरोजाबाद से डॉ. चंद्रसेन जादौन, मैनपुरी से प्रेम सिंह शाक्य, रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह, आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ, मछलीशहर से पीवी सरोज को टिकट दिया है.