लखनऊः लोकसभा चुनाव के 7वें एवं आखिरी चरण का मतदान खत्म हो चुका है. इस बार कुछ 7 चरणों में चुनाव हुए. एनडीटीवी के पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 55 सीटें मिल रही है. वहीं कांग्रेस सिर्फ 02 सीटों पर सिमटती जा रही है. वहीं सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन को 23 सीटें मिलती दिख रही हैं. जबकि एबीपी एग्ज़िट पोल के मुताबिक गठबंधन 56, भाजपा को 22 और कांग्रेस को 2 सीट में समेट दिया है.
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सपा-बसपा यानी बुआ बबुआ की जोड़ी साथ आईं और दोनो ने मिलकर चुनाव लड़ा. वहीं चुनाव से ठीक पहले आरएलडी भी इसमें शामिल हो गई थी. बता दें कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को पिछली बार 71 सीटें मिली थी, जबकि एडीए गठबंधन कुल 73 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. कांग्रेस ने 2 सीटें जीती थीं, जबकि समाजवादी पार्टी को 5 सीटें मिली थीं.
टाइम्स नाउ -वीएमआर ने बीजेपी को 58 सीटों पर आ रही है जबकि एबीपी ने 22 सीटें दे रही हैं. रिपब्लिक जन की बात के पोल के अनुसार एनडीए लगभग 46-47 सीट जीतने जा रही है. वहीं यूपीए 2-4 सीटें और महागठबंधन 21-32 सीटें आ रहा है. रिपब्लिक टीवी सर्वे सी- वोटर के साथ किए गए अपने सर्वे में बता रहा है कि एनडीए 38 सीटें और गठबंधन 40 सीटें जीतने जा रही है.
टाइम्स नाऊ वीएमआर ने अपने सर्वे में बीजेपी को 58 सीटें जबकि एसपी-बीएसपी और आरएलडी का महागठबंधन 20 सीटों पर जीत सकता है. वहीं कांग्रेस सिर्फ दो सीटों पर ही सिमट रही है.
क्या हैं आंकड़े
एबीपी एक्ज़िट पोल के मुताबिक यूपी (80 सीटें)- पूर्वांचल की 26 सीटों में से महागठबंधन को 18 सीटें, बीजेपी 8 सीटों पर सिमटती दिख रही है.
बीएसपी- 11 सीटें
एसपी- 07 सीटें
बीजेपी- 08 सीटें
कांग्रेस- 00 यूपी (80 सीटें)
यूपी में कुल 80 सीटों में से महागठबंधन की 56 सीटों पर जीत, बीजेपी को मिल रही हैं 22 सीटें. कांग्रेस के खाते में सिर्फ 2 सीटें जा रही हैं.
2014 में ये थे समीकरण
80 लोकसभा सीट वाले उत्तर प्रदेश में 2014 में बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की थी. बीजेपी को 71 सीटें मिली थीं और उसकी सहयोगी अपना दल को 2 सीटें. कुल 73 सीटें एनडीए ने जीती थी. वहीं समाजवादी पार्टी को सिर्फ 5, कांग्रेस को 2, बीएसपी और आरएलडी का खाता ही नहीं खुला था. सीपीआई और सीपीआई (एम) को भी एक भी सीट नहीं मिली थी.
एग्ज़िट पोल से बढ़कर मिली थीं बीजेपी को सीट
2014 के एग्जिट पोल से बढ़कर बीजेपी ने सीटें जीती थीं. 2014 में टाइम्स नाउ- ओआरजी के सर्वे ने दावा किया था की यूपी में एनडीए को 49 सीटों पर जीत हासिल होगी. इस सर्वे ने यूपीए को 10 सीटें दिए थे. सीएनएन-आईबीएन-सीएसडीएस के सर्वे ने दावा किया था कि एनडीए 49 तो यूपीए 4 सीटों पर जीत हासिल करेगा. जबकि समाजवादी पार्टी 15 और बहुजन समाज पार्टी 12 सीटों पर विजयी होगी.
एबीपी न्यूज नीलसन ने एनडीए को 46 तो यूपीए को 8 सीटें जीतने का दावा किया था. वहीं सर्वे ने समाजवादी पार्टी (सपा) को 12 तो बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को 13 सीटें दी थी. न्यूज 24 टुडे चाणक्य ने एनडीए को 67 तो यूपीए को 3 सीटें जीतने का दावा किया था. इस सर्वे ने सपा को 4 और बीएसपी को 3 सीटें जीतने की बात कही थी. इंडिया टीवी सी-वोटर्स के मुताबिक एनडीए को 54 तो यूपीए को 7 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था. अधिकतर सर्वे गलत साबित हुए थे. एनडीए 73 सीट पा गया.
इस बार हालात अलग हैं
इस बार बीजेपी के मुकाबले सपा-बसपा-आरएलडी का गठबंधन है. ये महागठबंधन 78 सीटों (रायबरेली, अमेठी छोड़कर) पर चुनाव लड़ रहा है. लगभग हर सीट पर बीजेपी को इस गठबंधन से चुनौती मिल रही है. 2014 के चुनावों में भाजपा को 42.63 प्रतिशत मिले थे वहीं बीएसपी 19.77 और एसपी 22.35% वोट पाई थी. दोनों के वोटों को मिला लिया जाए तो वे कुल मतदान का 42.11 प्रतिशत बैठता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि इस बार सपा-बसपा का गठबंधन भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकता है लेकिन चुनावों में सीटें कितनी निकाल पाएगा इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.
लहर नहीं लेकिन मोदी फैक्टर बरकरार
इस बार 2014 की तरह बीजेपी के पक्ष में लहर नहीं है लेकिन मोदी के खिलाफ लोगों में कोई खास नाराजगी भी नहीं. कई सीटों पर जनता मौजूदा बीजेपी सांसद से नाराज है लेकिन मोदी के नाम पर बीजेपी को वहां वोट मिल रहा है. यूपी की राजनीति के जानकार इसे मोदी फैक्टर बनाम जातिगत समीकरण की लड़ाई बता रहे हैं.