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Monday, 4 November, 2024
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ईवीएम पर विपक्ष का विरोध और शाह के 6 सवाल, ‘विरोध देश की जनता के जनादेश का अनादर’

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने छह सवाल दागे हैं. उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां हार से बौखलाई हैं.

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नई दिल्ली: लगातार ईवीएम और वीवीपैट को लेकर सवाल उठा रही विपक्षी पार्टियों पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने छह सवाल दागे हैं. उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर हमला बोलते हुए कहा कि हार से बौखला गई हैं. शाह ने एक के बाद एक छह से अधिक ट्वीट किए हैं और कहा है कि हार से बौखलाई यह 22 पार्टियां देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवालिया निशान उठा कर विश्व में देश और अपने लोकतंत्र की छवि को धूमिल कर रही हैं.

अमित शाह ने छह सवाल पूछते हुए लिखा है: मैं इन सभी पार्टियों से कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूं.

शाह ने अपने हर एक सवाल में विपक्ष को लगभग घेरा भी है..उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम को भी याद दिलाया. उन्होंने अपनी आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भारतीय जनता पार्टी जिन राज्यों में हारी है उसकी ओर विपक्षी पार्टियों का ध्यान आकर्षित किया है. जिसमें राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और दिल्ली भी शामिल है उन्होंने अपने पहले सवाल में ही ईवीएम की विश्वसनीयता पर विपक्ष का ध्यान केंद्रित किया है.

सवाल-1 : ईवीएम की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने वाली इन अधिकांश विपक्षी पार्टियों ने कभी न कभी ईवीएम द्वारा हुए चुनावों में विजय प्राप्त की है. यदि उन्हें ईवीएम पर विश्वास नहीं है तो इन दलों ने चुनाव जीतने पर सत्ता के सूत्र को क्यों सम्भाला ?

वहीं उन्होंने दूसरे सवाल में सर्वोच्च न्यायालय पर विपक्षी दलों के प्रश्नचिन्ह पर भी सवाल दागा है.

सवाल-2: देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन से ज्यादा पीआईएल का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है. जिसमें की हर विधानसभा क्षेत्र में पांच को गिनने का आदेश दिया है. तो क्या आप लोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे है ?

मतगणना के एक दिन पहले चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग करने को असंवैधानिक बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी कोई भी बात सभी दलों की सहमति के बिना नहीं की जा सकती. शाह ने अपने चौथे सवाल में कहा कि ईवीएम पर विवाद छह चरणों के मतदान संपन्न होने के बाद तेज हुआ है. एक्जिट पोल के नतीजे आने के बाद से ही विपक्ष इस पर ज्यादा आक्रामक हो गया है. क्या विपक्ष यह हंगामा अपनी हार देखने के बाद कर रहा है?

सवाल-3 : मतगणना के सिर्फ दो दिन पूर्व 22 विपक्षी दलों द्वारा चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग पुर्णतः असंवैधानिक है क्योंकि इस तरह का कोई भी निर्णय सभी दलों की सर्वसम्मति के बिना सम्भव नहीं है.

सवाल-4: विपक्ष ने ईवीएम के विषय पर हंगामा छः चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद शुरू किया. एग्ज़िट पोल के बाद यह और तीव्र हो गया. एग्ज़िट पोल ईवीएम के आधार पर नहीं बल्कि मतदाता से प्रश्न पूछ कर किया जाता है. अतःएग्ज़िट पोल के आधार पर आप ईवीएम की विश्वसनीयता पर कैसे प्रश्न उठा सकते है?

अपने सवालों में चुनाव आयोग की चुनौती भी याद दिलाई

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि कुछ समय पहले चुनाव आयोग ने एक प्रतियोगिता का आयोजन कर ईवीएम से छेड़छाड़ साबित करने की चुनौती दी थी. लेकिन तब एक भी दल इस प्रतियोगिता में भाग लेने नहीं पहुंचा और अब विपक्ष ईवीएम पर सवाल क्यों खड़े कर रहा है. जबकि अब ईवीएम के साथ वीवीपैट को जोड़कर इसकी विश्वसनीयता को और अधिक बढ़ाने का काम किया गया है.

सवाल-5 : ईवीएम में गड़बड़ी के विषय पर प्रोएक्टिव कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर इसके प्रदर्शन का आमंत्रण दिया था. परन्तु उस चुनौती को किसी भी विपक्षी दल ने स्वीकार नहीं किया. इसके बाद चुनाव आयोग ने ईवीएम को वीवीपैट से जोड़ कर चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी किया. वीवीपैट प्रक्रिया के आने के बाद मतदाता मत देने के बाद देख सकता है कि उसका मत किस पार्टी को रजिस्टर हुआ. प्रक्रिया के इतने पारदर्शी होने के बाद इस पर प्रश्न उठाना कितना उचित है ?
सवाल-6: कुछ विपक्षी दल चुनाव परिणाम अनुकूल न आने पर ‘हथियार उठाने’ और “खून की नदिया बहाने“ जैसे आपत्तिजनक बयान दे रहे है. उन्होंने  विपक्ष बताये कि ऐसे हिंसात्मक और अलोकतांत्रिक बयान के द्वारा वह किसे चुनौती दे रहा है?

शाह ने अपने सवालों में लिखा है कि ईवीएम पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न सिर्फ भ्रान्ति फैलाने का प्रयास है, जिससे प्रभावित हुए बिना हम सबको हमारे प्रजातांत्रिक संस्थानों को और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए.

मंगलवार विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग का खटखटाया था दरवाजा

बता दें कि चुनाव से पहले और बाद में भी ईवीएम और वीवीपैट के मिलान, हैकिंग और मशीनों को बदले जाने को लेकर सवालिया निशान लगाते रहे हैं. यही नहीं मंगलवार को भी करीब 22 विपक्षी दल के प्रतिनिधि चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने पहुंचे. विपक्षी दलों की मतगणना से पहले चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करने की मांग को ठुकरा दिया है. विपक्षी दलों ने यह भी कहा था कि यदि किसी एक मतदान केंद्र पर भी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं पाया जाता तो संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सभी वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए.

 

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